I'm अभिलाषा मिश्रा and I love to read StoryMirror contents.
जय मां-जय मां,जय मां-जय मां कमल के आसन मां, त्रिनेत्र न धारिणी छी जय मां-जय मां,जय मां-जय मां कमल के आसन मां, त्रिनेत्र न धारिणी छी
दोनों इक दूजे के हो गए आप फिर से मेरे हो गए। दोनों इक दूजे के हो गए आप फिर से मेरे हो गए।
मौसम ने ली है मनमोहक अंगड़ाई फगुआ, दोली,वसंतोत्सव है लेकर आई। मौसम ने ली है मनमोहक अंगड़ाई फगुआ, दोली,वसंतोत्सव है लेकर आई।
तू ही देती अक्षर ज्ञान तू ही करवाती शब्द निर्माण। तू ही देती अक्षर ज्ञान तू ही करवाती शब्द निर्माण।