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झूठा तेरा सुरूर था झूठा मेरा गुरूर था झूठे सब जज्बात थे झूठा तेरा सुरूर था झूठा मेरा गुरूर था झूठे सब जज्बात थे
नजाकत झलकती है उसके चलने बोलने हर अदा से वो हकीकत थी या किसी शायर का नज्म मिल गया नजाकत झलकती है उसके चलने बोलने हर अदा से वो हकीकत थी या किसी शायर का नज्म मिल...
बड़े मसरुफ़ रहते हो इन दिनों अपने ख्यालों में एक ख्याव सामने है ,चश्मा हटा तो सही बड़े मसरुफ़ रहते हो इन दिनों अपने ख्यालों में एक ख्याव सामने है ,चश्मा हटा तो स...
आँखें तो लोग अक्सर पढ़ लिया करते हैं, पर दिल का हाल बयां कौन करेगा। आखिर मुझसे भी ज्यादा, तुझस... आँखें तो लोग अक्सर पढ़ लिया करते हैं, पर दिल का हाल बयां कौन करेगा। आखिर मुझ...