इन्सानियत रखती हूँ, इन्सान हूँ मैं, लाखों की भीड़ में आम हूँ मैं..
बेटी उपहार है ईश्वर का, कंधों का बोझ नहीं। बेटी उपहार है ईश्वर का, कंधों का बोझ नहीं।
दिल होता जो पत्थर का तो डर नहीं था मुझको कोई मोम से दिल को, चरागों से दोस्ती महँगी पड़ जाएगी दिल होता जो पत्थर का तो डर नहीं था मुझको कोई मोम से दिल को, चरागों से दोस्ती ...
ख़ुशी थी बचपन की गलियों की खेल- कूद की, सहेलियों की गुड़ियों की शादी करते हम कहाँ समझ थी बहेल... ख़ुशी थी बचपन की गलियों की खेल- कूद की, सहेलियों की गुड़ियों की शादी करते हम...