I am an amateur writer and poet by hobby and an Architect Urban Planner by profession.
किसी ने लगाया चौखट में उसे, सजायी दिवार घर की किसी ने..!! किसी ने लगाया चौखट में उसे, सजायी दिवार घर की किसी ने..!!
भरी दोपहरी, उष्मा का संचार है करती, समृद्धि का मुकुट, सब के सर पर, भरी दोपहरी, उष्मा का संचार है करती, समृद्धि का मुकुट, सब के सर पर,
नहीं मैं एकलव्य, ना ही मैं हुँ अर्जुन..! नहीं मैं एकलव्य, ना ही मैं हुँ अर्जुन..!