I'm Kaushal Kumar and I love to read StoryMirror contents.
भेदभाव का भाव न जिसके उर में उपजे, बाल मनोविज्ञान सही बतलाना है भेदभाव का भाव न जिसके उर में उपजे, बाल मनोविज्ञान सही बतलाना है
मैं जानती हूँ मैं जानती हूँ
मैं पराई हूँ मैं पराई हूँ
हाथों हाथ डाल हम झूले हाथों हाथ डाल हम झूले
तेरे मेरे बीच बन गये तेरे मेरे बीच बन गये
तुम्हारे साथ का अनजान सफर तुम्हारे साथ का अनजान सफर
प्यार भरी बात करें। प्यार भरी बात करें।
बात सच्ची है यही.... बात सच्ची है यही....
यही प्यार है क्या तेरा यही प्यार है क्या तेरा
लाज शर्म को छोड़। लाज शर्म को छोड़।