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हम न रहे, बन्दरों की तरह नकल करते रहे। अपनी बोली भूलकर। हम न रहे, बन्दरों की तरह नकल करते रहे। अपनी बोली भूलकर।
शुभ प्रभात अन्याय व अधर्म पर... भक्ति व सत्य की जीत का संदेश देने वाले... शुभ प्रभात अन्याय व अधर्म पर... भक्ति व सत्य की जीत का संदेश देने वाले....
जब मुसीबत आती है,तब.. "भगवान के सिवाय" सब के दरवाजे बंद मिलते हैं।। जब मुसीबत आती है,तब.. "भगवान के सिवाय" सब के दरवाजे बंद मिलते हैं।।
नज़रों से गिराना ना...चाहे जितनी सजा देना। नज़रों से गिराना ना...चाहे जितनी सजा देना।