बिन कहे गुज़र जाऊँ इससे अच्छा है कि कुछ लिख जाऊँ।।
चाँद अंधकार भी लाता है। चाँद अंधकार भी लाता है।
आजमाता रहा मुझे वो किसी शतरंज पर ऐसे जैसे मैं उसके लिए बस एक मोहरा सा रहा आजमाता रहा मुझे वो किसी शतरंज पर ऐसे जैसे मैं उसके लिए बस एक मोहरा सा रहा
अमावस का वो चाँद हूँ अमावस का वो चाँद हूँ
रख छोड़े मैंने कुछ, अपने ख्वाब तेरे लिए, उन्हें टांग दिया है उन, रास्तों में लगे पेड़ों पर...! रख छोड़े मैंने कुछ, अपने ख्वाब तेरे लिए, उन्हें टांग दिया है उन, रास्तों में लगे...