WRITER , POETESS, ANCHOR , SINGER e-mail- ashri0910@gmail.com anupama.teeluckshri@yahoo.com
काले -काले मेघों के ये घेरे हैं ख़ूब घेरे ज़रा सा हाथ बढ़ाया और बरस पड़े काले -काले मेघों के ये घेरे हैं ख़ूब घेरे ज़रा सा हाथ बढ़ाया और बरस पड़े
धरती पर बिखरती शबनम से, कई आरजुएं मचली सी है, सर्द हवाओं की दस्तक और फिजाओं में, कई खुशबुए... धरती पर बिखरती शबनम से, कई आरजुएं मचली सी है, सर्द हवाओं की दस्तक और फिजा...
अपने शब्दों में स्वयं अपनी कथा कहे जीवन ऊंचाइयों -गहराइयों में स्वयं सिद्धा रहे। अपने शब्दों में स्वयं अपनी कथा कहे जीवन ऊंचाइयों -गहराइयों में स्वयं सिद्धा र...
बारिश के साथ गुम हो जाना, अपनी आदत पुरानी सी है, एक लम्हे में कई लम्हें जी लेना, मौसम की मेहरबानी... बारिश के साथ गुम हो जाना, अपनी आदत पुरानी सी है, एक लम्हे में कई लम्हें जी ले...
जिसकी बोली स्नेहसिक्त है जिसका हर कदम संतान के हित में निहित है जिसके श्रम कणों से पल्लवित अपना जह... जिसकी बोली स्नेहसिक्त है जिसका हर कदम संतान के हित में निहित है जिसके श्रम कणो...
जिंदगी से कुछ पल चुराकर, जहाँ जाकर, बिठाती खुद को खुद के पास ले जाकर. जिंदगी से कुछ पल चुराकर, जहाँ जाकर, बिठाती खुद को खुद के पास ले जाकर.
पिघलती बारिशों में दिल की जमीं, कुछ धुली -धुली सी है... पिघलती बारिशों में दिल की जमीं, कुछ धुली -धुली सी है...