पत्ता- पत्ता तेरा पता दे रहा है
सरासर गलत है कि तू लापता है!
जो बांटता है, वह मिटता नहीं।
बुल्ले शा प्यार उथे पाइए,
जित्थे प्यार निभान दा दस्तूर होवे।
यह ज़मी है कुछ यूं उर्वर!
बहते हैं यहां प्रेम के निर्झर!!
जान सकता है वही यह भेद!
जिसने देखा हो कहीं पतझर !!