समझ न सका समझा न सका
नमन करूँ कोटि कोटि इस आधार को जो संचय है मेरे रोम रोम में। नमन करूँ कोटि कोटि इस आधार को जो संचय है मेरे रोम रोम में।
इस सुर्ख सी निकलती सूरज की किरणों में तुम्हारे केशों में खो जाने को करता है ये मन, छोड़ कार्य पथ को... इस सुर्ख सी निकलती सूरज की किरणों में तुम्हारे केशों में खो जाने को करता है ये म...
दुख दिया है, दर्द दिया है हमने ये महसूस भी किया है, माना है की हमने आपका विश्वास बार बार तोड़ा... दुख दिया है, दर्द दिया है हमने ये महसूस भी किया है, माना है की हमने आपका ...
मेरे इस नीरस जीवन को महकने में, मेरे अंग अंग को रोमांचित कर देने को हर रोम रोम को महकने में ... मेरे इस नीरस जीवन को महकने में, मेरे अंग अंग को रोमांचित कर देने को हर रोम...