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किया भ्रूण में भी खुद का तिरस्कार जिससे उत्पन्न है यह संसार। किया भ्रूण में भी खुद का तिरस्कार जिससे उत्पन्न है यह संसार।
बदलना है यदि समाज । तो कंठस्थ करलो यह बात ।। मत मुझे बढ़ने से रोको। वक्त है, अपने बेटों को टोको ।।... बदलना है यदि समाज । तो कंठस्थ करलो यह बात ।। मत मुझे बढ़ने से रोको। वक्त है, अ...
आज मेरी कलम भी, गयी रोकर हार। देख कर अमानवीय, भीषण नरसंहार। आज मेरी कलम भी, गयी रोकर हार। देख कर अमानवीय, भीषण नरसंहार।
परछाई ने भी, छोड़ा साथ अब समझी जीवन की यह पहेली थी स्त्री इसलिये थी अकेली। परछाई ने भी, छोड़ा साथ अब समझी जीवन की यह पहेली थी स्त्री इसलिये थी अकेली।
जब हुआ एक पिता को घमंड । आया पुत्र, लेकर भक्ति का ओज प्रचंड ।। था बालक जो सांसारिकता से निर्मोह । ... जब हुआ एक पिता को घमंड । आया पुत्र, लेकर भक्ति का ओज प्रचंड ।। था बालक जो सांस...