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मुझे 'इश्क और समाज' ने कहीं का नहीं छोड़ा। मुझे 'इश्क और समाज' ने कहीं का नहीं छोड़ा।
"नहीं-नहीं भाभी,वैसै बात नहीं है दोनो बाप-बेटी हमेशा मुझे खिलाने के चक्कर में रहते हैं कभी पिज्जा कभ... "नहीं-नहीं भाभी,वैसै बात नहीं है दोनो बाप-बेटी हमेशा मुझे खिलाने के चक्कर में रह...
मैंने तब से गाँठ बाँध ली कि 'गलती हो जाने से डरना नहीं है बल्कि सीख लेना है।' मैंने तब से गाँठ बाँध ली कि 'गलती हो जाने से डरना नहीं है बल्कि सीख लेना है।'