Teacher and philosopher
उसके बाद रसीद कटी निश्चित धन राशि जमा कर वो सभी लौट आए। उसके बाद रसीद कटी निश्चित धन राशि जमा कर वो सभी लौट आए।
लेकिन एक अभ्युदय हो चुका था जिससे वो सभी भलीभांति परिचित हो चुके थे। लेकिन एक अभ्युदय हो चुका था जिससे वो सभी भलीभांति परिचित हो चुके थे।
कुछ खट्टी सी कुछ मीठी सी हर बात कचोटे जाती है। कुछ खट्टी सी कुछ मीठी सी हर बात कचोटे जाती है।
सड़क गुलजार हो गई, फिर भी खामोश रहती है उदासी हाल पूछो तो कहानी फिर वही कहती। सड़क गुलजार हो गई, फिर भी खामोश रहती है उदासी हाल पूछो तो कहानी फिर वही कहती...