जीवन की कहानी सिर्फ दिन और रात की बनाई दीवारों में मौजूद नहीं, जिसमें उसे समेट कर छोड़ दिया जाए, बल्कि उसकी कहानी 'रात और दिन' तथा 'दिन और रात' के बीच गुजर रहे समय में भी है।
एडमिशन के बाद सीमा का स्कूल आना जाना लगा रहता था। एडमिशन के बाद सीमा का स्कूल आना जाना लगा रहता था।
शायद इस नरक भारी जिंदगी से एक अच्छी जिंदगी जी रहा हो। शायद इस नरक भारी जिंदगी से एक अच्छी जिंदगी जी रहा हो।