रिश्ते बर्फ की तरह हैं अधिक ताप से पिघल जाते हैं और कम ताप से ज्यों के त्यों बने रहते हैं।
प्रद्युम्न अरोठिया
जिंदगी हमें वो क्यों नहीं देती जिसकी ख्वाहिश लिए हम हरपल जीते हैं ?
आज को इतना सशक्त बनाएं कि कल कमजोर न हो। जीवन में निराशा जैसा भाव फिर न हो।।
प्रद्युम्न अरोठिया
सवेरा सिर्फ उजाला ही नहीं दिशा भी देता है।
प्रद्युम्न अरोठिया
एक बेहतर जीवन जीने के लिए सन्तुलन की आवश्यकता होती है।
दूसरों को गलत साबित करने से अच्छा है कि आप स्वयं को अच्छा बनाने की कोशिश करें।
हंसते रहें स्वस्थ्य रहें।
ज्ञान का अर्थ है अपने अंदर जन्में अंधकार को प्रकाश से समाप्त कर देना।
एक अवसर ही जिंदगी को बदलने के लिए काफी है।