नाम प्रतिभा द्विवेदी उर्फ मुस्कान सागर मध्यप्रदेश अपने एहसासों और अनुभव को लिखते हैं ... कविता कोट शायरी गीत आर्टिकल लिखते हैं । कवि सम्मेलन में मंच प्रस्तुति भी देते हैं
माँ एक शब्द नहीं, प्रेरणा का पर्याय है, औलाद में काबिलियत भरने का सीधा सरल उपाय है माँ एक शब्द नहीं, प्रेरणा का पर्याय है, औलाद में काबिलियत भरने का सीधा सरल उपाय ...
तो समझो आई होली रे। जब मन स्पर्श से पुलकित होने लगे तो समझो आई होली रे। जब मन स्पर्श से पुलकित होने लगे
पास आइए। पास आइए।
रंजिशों को छोड़कर गले लगाइए। रंजिशों को छोड़कर गले लगाइए।
तिरंगे में जान बसे तुम्हारी तिरंगा ही है शान तुम्हारी जब तिरंगे में लिपटकर जाते हो तुमको द... तिरंगे में जान बसे तुम्हारी तिरंगा ही है शान तुम्हारी जब तिरंगे में लिपटकर...