माँ ईश्वर का साकार रूप है ! औलाद के लिए अनमोल है!!! संवेदनाओं की अनुपम भाषा है दिव्य वाणी से मीठा बोल है !! लेखिका/कवयित्री-प्रतिभा द्विवेदी मुस्कान© सागर मध्यप्रदेश ( 09 मई 2021 )
आज के समय में हर परिस्थिति में सामान्य बने रहना भी एक चुनौती है......!! लेखिका-प्रतिभा द्विवेदी उर्फ मुस्कान© सागर मध्यप्रदेश ( 05 मार्च 2020 )
जो मनचाहा सब मिलता होता ... तो सबकी जिंदगी मजे में होती ...तन्हा दुःखी कोई ना होता... और भगवान को याद भी कोई क्यों करता???? लेखिका-प्रतिभा द्विवेदी "मुस्कान"© सागर मध्यप्रदेश ( 16 दिसंबर 2019 )
जो मनचाहा सब मिलता होता ... तो सबकी जिंदगी मजे में होती ...तन्हा दुःखी कोई ना होता... और भगवान को याद भी कोई क्यों करता???? लेखिका-प्रतिभा द्विवेदी "मुस्कान"© सागर मध्यप्रदेश ( 16 दिसंबर 2019 )
जो मनचाहा सब मिलता होता ... तो सबकी जिंदगी मजे में होती ...तन्हा दुःखी कोई ना होता... और भगवान को याद भी कोई क्यों करता???? लेखिका-प्रतिभा द्विवेदी "मुस्कान"© सागर मध्यप्रदेश ( 16 दिसंबर 2019 )
भरोसा नहीं जिंदगी कब आड़े हाथों ले ... बेहतर है जिंदगी...को होश रखते हुए... जोश के साथ जिया जाए.... लेखिका-प्रतिभा द्विवेदी "मुस्कान"© सागर मध्यप्रदेश ( 07 दिसंबर 2019 ) मेरी स्वरचित मौलिक व प्रमाणिक रचना
बीती रात कमल दल फूले .... चाँद सितारों ने रोशनी बरसाई....!! कुदरत का देखकर हँसीं नजारा..... साजन संग सजनी मुस्काई.....!!! लेखिका प्रतिभा द्विवेदी उर्फ मुस्कान© सागर मध्यप्रदेश ( 06 नबंवर 2019 )
एक और एक ग्यारह जैसे साथ तेरा-मेरा..... तू ना हो तो मेरी दुनियाँ में हो जाए घुप्प अँधेरा...!! #दोस्ती वाला लव# लेखिका प्रतिभा द्विवेदी उर्फ मुस्कान© सागर मध्यप्रदेश ( 05 नबंवर 2019 )