लघुकथा, कहानी, उपन्यास और कविताओं का लेखन
अब सुलटते रहें स्पोंसर। हम तो चले गरम पानी से नहाने उसमें बर्फ डालकर। अब सुलटते रहें स्पोंसर। हम तो चले गरम पानी से नहाने उसमें बर्फ डालकर।
और दादी ने नाज़िरा का माथा चूमकर गाड़ी की चाबियाँ उसकी हथेली पर रख दीं। और दादी ने नाज़िरा का माथा चूमकर गाड़ी की चाबियाँ उसकी हथेली पर रख दीं।
हर रंग एक कहानी बतलाता है, वह सूरज एक नया नूर लाता है। हर रंग एक कहानी बतलाता है, वह सूरज एक नया नूर लाता है।