Follow me on instagram for more creations- @shyamli_writes
ये किस्मत एक सहेली है या फिर अबूझ पहेली है ये किस्मत एक सहेली है या फिर अबूझ पहेली है
भारी भरकम भीड़ लिए कुछ लोग मदद को आते हैं अपनी मीठी बातों से फिर सबको भरमाते हैं . भारी भरकम भीड़ लिए कुछ लोग मदद को आते हैं अपनी मीठी बातों से फिर सबको भरमाते...
वो छोटा सा बचपन और बचपन की यादें, वो गांव की गलियां जहां हम थे गाते। वो छोटा सा बचपन और बचपन की यादें, वो गांव की गलियां जहां हम थे गाते।
तिल-तिल के मरी हूँ रिश्तों की खातिर, कि अब किसी रिश्ते पर गुमां नहीं होता। तिल-तिल के मरी हूँ रिश्तों की खातिर, कि अब किसी रिश्ते पर गुमां नहीं होता।