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कहते मानव तू कैसा है कैसा है तेरा जीवन। कहते मानव तू कैसा है कैसा है तेरा जीवन।
मानवता को जिजीविषा बना कर अपने गृह में ही ठहरते है मानवता को जिजीविषा बना कर अपने गृह में ही ठहरते है
मन खोजता है एकांत अकेलापन घबराहट है, एकांत में खुशी और मेरे कविता की तिजोरी मन खोजता है एकांत अकेलापन घबराहट है, एकांत में खुशी और मेरे कविता की त...
करता उस अमूल्य प्रणय को अपने हृदय में संचित। करता उस अमूल्य प्रणय को अपने हृदय में संचित।