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कितना उदास हो सकता है, लोगों को दिखाना चाहता हूँ मैं...! कितना उदास हो सकता है, लोगों को दिखाना चाहता हूँ मैं...!
मेरी मानों ... चलो सजाते हैं ‘एक से दो फूल’ अपनी ज़िंदगी के गुलदस्ते में ऐसे भी तो मना सकते हैं हम... मेरी मानों ... चलो सजाते हैं ‘एक से दो फूल’ अपनी ज़िंदगी के गुलदस्ते में ऐसे भ...
इसलिये कभी जरुरत नहीं पड़ती किसी पक्के ठिकाने की, मेरा नाम है उम्मीद..... इसलिये कभी जरुरत नहीं पड़ती किसी पक्के ठिकाने की, मेरा नाम है उम्मीद.....