I'm Nitesh and I love to read StoryMirror contents.
कि अब कुछ खोने के लिये बचा नहीं। कि अब कुछ खोने के लिये बचा नहीं।
तू अपनी मुस्कुराहटों से मात दे दे ... तू अपनी मुस्कुराहटों से मात दे दे ...
दुनिया के उलझनों से अब सुलझाना चाहती है दुनिया के उलझनों से अब सुलझाना चाहती है
उलझनों में उलझी जिंदगी अब सुलझाना चाहती है। उलझनों में उलझी जिंदगी अब सुलझाना चाहती है।