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हाँ! वही घंटो तक बैठा रहता हूँ। जनता हूँ तुम मेरे पास अब नहीं आओगी किसी और की जो हाँ! वही घंटो तक बैठा रहता हूँ। जनता हूँ तुम मेरे पास अब नहीं आओगी किसी...
वक़्त थम सा जाता है जैसे जितने बुरे सपने और ख्याल अपने हक़ीकत में घटित होने का वक़्त थम सा जाता है जैसे जितने बुरे सपने और ख्याल अपने हक़ीकत में ...
कैसे कर लेते हो तुम, दिखावा इतना जैसे मानो, सच में तुम लौट आते मेरे पास हर बार हो। कैसे कर लेते हो तुम, दिखावा इतना जैसे मानो, सच में तुम लौट आते मेरे पा...