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मैंने कब कहा मेरे कविता लिखने से कहीं कुछ बदल जाएगा! मैंने कब कहा मेरे कविता लिखने से कहीं कुछ बदल जाएगा!
आदिवासी जैसा अब कोई नहीं है! आदिवासी जैसा अब कोई नहीं है!
धर्म कहीं नहीं है। धर्म कहीं नहीं है।
वही दाता है, त्राता है वही दाता है, त्राता है
अमौलिक हो जाता है! अमौलिक हो जाता है!
यह किराए की कोख है! यह किराए की कोख है!
नहीं बचे सच बोलते बाज़ार नहीं बचे सच बोलते बाज़ार
मैं मरना चाहता हूँ कि तुम्हारे प्रेम में जीना चाहता हूँ. मैं मरना चाहता हूँ कि तुम्हारे प्रेम में जीना चाहता हूँ.
ईश्वर ने दिया हमें ईश्वर ने दिया हमें
मेरी छाया मेरी छाया