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है यही समस्या लोगों की, रोटी, कपड़ा, मकान नहीं । है यही समस्या लोगों की, रोटी, कपड़ा, मकान नहीं ।
ए नग्न प्रणाली शिक्षा की, परिधान कहाँ से मैं लाऊं? ए नग्न प्रणाली शिक्षा की, परिधान कहाँ से मैं लाऊं?
चंद रुपयों की खातिर, इंसान बिक रहा है। चंद रुपयों की खातिर, इंसान बिक रहा है।
पर नहीं पहुँच पाएँगे हम, तेरी डोरी में जोर नहीं। पर नहीं पहुँच पाएँगे हम, तेरी डोरी में जोर नहीं।