सरल, सुशील और सौम्य!!!!
मैं निराश होकर अपने घर की तरफ जाने की योजना बनाने लगा। क्योंकि शाम ढल रही थी... मैं निराश होकर अपने घर की तरफ जाने की योजना बनाने लगा। क्योंकि शाम ढल रही थी...
मैं निश्चय कर चुका था। मुझे अपनी सारी बात बतानी थी मैं निश्चय कर चुका था। मुझे अपनी सारी बात बतानी थी
सालों से हमारे पितरों की सेवा कर रहे इनके खानदान को ये हमारी छोटी सी भेंट होगी सालों से हमारे पितरों की सेवा कर रहे इनके खानदान को ये हमारी छोटी सी भेंट होगी
मेरे अंदर जोर जोर से चिल्ला कर सुलझना चाह रही है एक कभी नहीं सुलझने वाली पहेली ! मेरे अंदर जोर जोर से चिल्ला कर सुलझना चाह रही है एक कभी नहीं सुलझने वाली पहेली !