लिखने की आदत यहाँ ले आई।
एक मंजर जो धुँआ होता हुआ शम्अ-ए-उम्मीद ले जाता हुआ। एक मंजर जो धुँआ होता हुआ शम्अ-ए-उम्मीद ले जाता हुआ।
न जाने कब यह चार लोग किसी की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करना बंद करेंगे। न जाने कब यह चार लोग किसी की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करना बंद करेंगे।