लिखने की आदत यहाँ ले आई।
ज़रुरी नहीं तेरा मंजिलों तक साथ होना, ज़रुरी हैं तो बस राहों में साथ, मंजिल मिले या नहीं वो नहीं जानते हम, राहों में साथ मंजिल से कम नहीं।