Engineer by profession ,Trying to write poetry also.
मोर बिन पर वाला कहीं दिख ही गया यूं ही। मोर बिन पर वाला कहीं दिख ही गया यूं ही।
और क्या चाहे आज की नार इज्जत की बराबर हो हकदार॥ और क्या चाहे आज की नार इज्जत की बराबर हो हकदार॥
होंठों पर हैं झूठ की झालर पर दिल मे लिए सपने सच्चे ये बचे-खुचे बच्चे होंठों पर हैं झूठ की झालर पर दिल मे लिए सपने सच्चे ये बचे-खुचे बच्चे
दिखी जो सिल-पे-रस्सी याद आया हम वहीं के है दिखी जो सिल-पे-रस्सी याद आया हम वहीं के है