"मिडिल-क्लास" का होना भी किसी वरदान से कम नहीं है कभी बोरियत नहीं होती।जिंदगी भर कुछ ना कुछ आफ़त लगी ही रहती है।
आखिर कब तक हमारे देशवासी यूंही घिसटती जिन्दगी ज
जो प्रेम गली आया ही नही प्रियतम का ठिकाना क्या
"मिडिल-क्लास" का होना भी किसी वरदान से कम नहीं