मैं उस बूढ़े आदमी का चेहरा देखकर हैरान था कि ऐसे ईमानदार और सच्चे इंसान भी हैं इस दुनियां में जो 5 रुपये की अमानत को लाखों में बनाकर लौटा देते हैं , मैंने सोचा सच्ची लॉटरी तो आज लगी ह...
मैं उस बूढ़े आदमी का चेहरा देखकर हैरान था कि ऐस
आखिर कब तक हमारे देशवासी यूंही घिसटती जिन्दगी ज
जो प्रेम गली आया ही नही प्रियतम का ठिकाना क्या