#womenofhubhopper अब श्रीकृष्ण नही आयेगे आप का अपमान का बदला लेने... #hubhopper
Motivational Stories
कई बार जिंदगी में कोई ''समस्या'' होती ही नहीं औ
मैं कितना भी कुछ कहता रहूँ,
पर हर बात तुम
आप उसे नाम नहीं दे पाएंगे ..क्योंकि आपका उससे प
इंसान का इंसान से जुड़े रहने का बस एक यही रास्त
क्योंकि टिफिन लगाना
टिफिन लगानाभर नहीं ह
मैं उस बूढ़े आदमी का चेहरा देखकर हैरान था कि ऐस
झूठे दहेज के मुकदमों के कारण,
पुरुष के दर
काश! मैंने तुम्हें रंगीन चॉक दे दिया होता...तो
माफ़ कर देना नहीं समझ पाया तुम्हे कभी....
हम तो निष्ठुर आदमी है ...
हम दोनों के चेहरे भीगे है
मालूम नहीं बरस
चार मिले चौंसठ खिले, बीस रहे कर जोड़!
प्रे
अपने बुजुर्गों का सम्मान करें! यही भगवान की सबस
जिन्हें दूसरों को जितना होता है वे खुद नहीं लड़त
गुम जाता हूँ ,खो जाता हूँ
मैं पत्थर का हो
यह अपना महत्व भूल जाती है ...
शायद उस दिन वे एक पूरे दिन की छुट्टी
वेत
स्त्री जाति का सम्मान दिल से करता हूं ... #wome
#womenofhubhopper अब श्रीकृष्ण नही आयेगे आप का
आपका भूतकाल The काश्मीर फाइल्स में चीख रहा है .
मन की अलमारी ....
कब मुट्ठी से वो निकल जाएगी, पता भी नहीं चलेगा।<
सब का मंगल हो ..
तुझे कृष्ण बनकर प्रेम का राग सुनाना पड़ेगा..
Incident
कौन बडा कौन छोटा जो कल था वो आज नही है और जो आज
कोई भी ख़रीद ले
हम बिकने को तैयार नहीं
नारी सबको प्यारी हो सकती है, तो सब पे भारी भी ह
शब्दों को सम्मान दें ..
संस्कार के साथ-साथ संस्कृति भी पूर्णतः विलुप्त
कुछ पुरुष अनोखे होते हैं..
कितना नादान था मैं हकीकत से अनजान था....
वक्त रहते खुद को आइना दिखा रहे थे हम...कागज पर
शाख भी कमज़ोर पत्तों को....
बक्त पर छोड़
ये गृहणियाँ भी.....
वक्त़ के साथ ढल जाती
मैं रोज़ ऐसे ही नहा लेता हूँ....
किसी को रोते देख कर हँसो मत क्योंकि पता नही वो
आखिर कब तक हमारे देशवासी यूंही घिसटती जिन्दगी ज
हमें बदलना होगा पीढ़ियों के लिये तुरंत
ए
खिलौना बच्चों की चीज़ है इसकी महत्ता कोई बच्चा ह
छोटा सा जीवन है प्यारे, हँस के गुजार दे।
सभी महिलाओं को ससम्मान समर्पित ...
जो प्रेम गली आया ही नही प्रियतम का ठिकाना क्या
आखिर शुभ दिन कुछ मीठा तो होना ही चाहियें न !
हाँ पागल थी। तेरे प्यार में...
"मिडिल-क्लास" का होना भी किसी वरदान से कम नहीं
पिता के प्रेम का पता तब चलता है जब वो नही होते.
आकर्षण शायद अनेको के लिए हो सकता है, समर्पण किस
तो सुनो न यार ...
हम अच्छे थे या बुरे थे नहीं मालूम पर हमारा भी ए
इस बार ठंड की सुबह की चाय आप खुद बनाइये..देखिए
साहस भी है, अहसास भी है ईश्वर की रचना खास भी है
लड़की से औरत बन जाती है।
सभी विवाहित पुरुषों को प्रेषित
डैड के तेज गुस्से के पीछे का प्यार महसूस कर सको
उन आँखों मे वह देख पा रही थी इंतजार अपने बच्चों
कैसा यह मकान है जहाँ भविष्य में पाले जाने वाले
Dedicated to all Mothers...!
एक सफर वो था जिसमे कोई हमसफर था।
एक सफर आ
मैं बहुत देर तक सोचता रहा।
काश! हम सब ऐस
शायद मैं अभी पराई हूं, और कितने साल पराई रहूंगी
मुझे नहीं लगता, कि विज्ञान पल्लू का विकल्प ढूँढ
मर्द की मर्दानगी कुत्तो में नहीं शेरो में आजमाई
नियति में लिखा था. . .
सबसे अच्छा सबसे बढ़िया स्लोगन..
दिसम्बर....सिर्फ साल का अंतिम महीना नहीं होता
जिते जी दिया नहीं सकून ओर शांति ,मत सोचो मिलेगा
बिहार का एगो खास बात है आप चाहे लाख होटल, मैरिज
Crush प्रेम से भी पवित्र और गहरा शब्द है, शायद
बाप_बेटी का प्रेम समुद्र से भी गहरा है।
ये क़िस्मत है...
कभी भी बदल
वो लड़के ईश्वर की बक्शी नेमत होते है..
वस्त्तुतः सच यह है कि हम सुबह से रात तक इन चारो
जिम्मेदार आप स्वयं है...
मिटाने से मिटता नहीं कभी कर्म का ये लेख
असली सवाल यह नहीं कि तुम बाहर से क्या हो,,,असली
वो गुस्से में और ज्यादा लाल और गर्म हो रही थी..
अभिवादनशीलस्य, नित्यं वृध्दोपसेविनः ।
चत्
यह कहानी हमें क्षमाशील होना सिखाती है...
ऐसे धोखेबाज तीतरों से सावधान रहें..!
स्त्री किसी भी रूप में हो मगर, घर को घर वही बना
Motivational
A heart touching Story...
यह मर्द ही होते हैं जो रोते नहीं हैं लेकिन फिर
आज फिर से मुझे हराकर चला गया....
हरसिंगार या पारिजात या शेफ़ाली जो भी कह लें...
बहुत प्यारी होती है बेटियाँ ,
न जाने लोग
अगर हम अच्छाई देखना चाहें तो हमें अच्छे लोग मिल
जैसे ही वे पुण्य कर्म समाप्त होंगे, उसके दुर्दि
भगवान् है साहब ... भगवान् तो है....
क्योंकि वे तुमसे प्यार करते हैं...क्योंकि पुरुष
एक दौर वो भी था...
दीपावली पर मिठाई बांटने के पीछे भी एक सोच होती
रसायनशास्त्र से शायद ना पड़ा हो पाला
पर
गुफ्तगू करने की.. अनगिनत ख्वाहिशों के बीच..
मन खाली सा हो गया है...कुछ भी ठहरता नहीं बहुत द
हम भारतवासियों को कवर चढ़ाने का बहुत शौक है...।।
बेटा बन कर,बेटी बनकर, दामाद बनकर,और बहु बनकर कौ
यदि वृक्ष से फल न मिले, तो कोई बात नहीं, किन्तु