'ईया से जी की ओर' भाग 4.
'ईया से जी की ओर' भाग 4.
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एक पल के लिए सभी आवाक्
मैं आश्चर्य चकित में पड़ गया सोचने लगा यह शब्द कहां से आया विद्यार्थी जीवन में.......
क्या विद्यालय से!...
दूसरे ही पल विद्यार्थी बोला- सर जल्दी जल्दी में गलती से बोल दिया।
फिर उसका परिचय पूछने की जिज्ञासा बढ़ गई,
नाम ..... पिता का नाम विद्यार्थी ने बताया अबसदराम जी, भाई के बारे में पूछा तो जवाब आया दो है एक छोटा एक बड़ा बांगा नाम है। रमेशया व सुरेशया ।
इस विद्यार्थी का परिचय सुनकर और वह पहला वाक्य सुनकर क्या इसे डांटना चाहिए? नहीं.....
इस विद्यार्थी को डांटना बिल्कुल उचित नहीं होगा मेरी जिज्ञासा के साथ-साथ एक लक्ष्य बन बैठा कि इस शब्द व वाक्य की इस विद्यार्थी जीवन में उत्पत्ति कहां से हुई।