'ईया से जी की ओर' भाग 2.
'ईया से जी की ओर' भाग 2.
1 min
240
छात्र मुझे देखकर कुछ आपस में बातें, चर्चा कर रहे थे। किसी ने अध्यापक माना तो किसी ने नया विद्यार्थी मानकर नमस्ते किया, सीनियर में कुछ छात्र तो मुझसे बड़े थे जिन्होंने मुझसे नया विद्यार्थी मानकर हाथ मिलाया, मैंने उनसे भाई मान कर हाथ मिलाया फिर वंदना प्रार्थना का समय हुआ उसके बाद विद्यार्थी से परिचय करवाया गया। अब तक सौंदर्य भरा खुशी का पल था।