Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Sapna Vishwakarma

Children Stories

4.8  

Sapna Vishwakarma

Children Stories

राम की बदमाशियां , भाग -1

राम की बदमाशियां , भाग -1

3 mins
365


मैं आपको एक गांव के राम नामक एक शरारती बच्चे की कहानी सुनाऊँगी, जो बदमाशियों में हमेशा अव्वल रहता था। उसकी उन्ही बदमाशियों का एक किस्सा में आपको सुनाऊँगी।

हाँ तो जैसा कि मैंने बताया कि राम हमेशा बदमाशियां करता था, जिस वजह से उसे हमेशा अपनी माँ की डाँट और मार खानी पड़ती थी ,पर फिर भी वह नहीं मानता था और रोज कोई न कोई नयी शरारत करता था । वह किसी की नहींं सुनता और अपनी मन की करता था पर कभी ऐसी शरारत नहींं की जिससे किसी का नुकसान ,या किसी के दिल को ठेस पहुँचा हो।

एक दिन ऐसा आया की राम बीमार पड़ गया। उसने एक बार डॉक्टर के साथ भी शरारत की थी इसलिए उसे डॉक्टर के पास नहीं जाना था, और उसने बहुत जिद की और डॉक्टर के पास नहीं गया, अब उसकी तबियत ज्यादा ख़राब हो गयी इसलिए उसे डॉक्टर के पास जाना जरूरी था । डॉक्टर और राम के पिताजी की बहुत अच्छी दोस्ती थी इसलिए उनके कहने पर डॉक्टर साहब घर पर ही आगये।

अब राम के पास कोई उपाय नहीं बचा , अब जैसा डॉक्टर कहेंगे वैसा उसे करना पड़ेगा। डॉक्टर ने कुछ दवाइयां दी और खाने में उसे दूध से बने पदार्थ खाने के लिए कहा । दूसरे दिन घरके सभी सदस्यों को काम से बहार जाना पडा। राम की माँ ने जाते जाते राम से कहा कि," मैंने तुम्हारा खाना बना कर रख दिया है , उसे खाकर दवाइयां खा लेना और आराम करना कोई नयी शरारत मत करना।" राम ने "ठीक है" कहा और घरके सभी लोग चले गए।


दोपहर का समय हो गया था और राम को भूख लग चुकी थी। जब उसने जाकर देखा तब उसे पता चला कि आज खाने में उसके लिए साबूदाने की खीर बनी थी जो उसे बिलकुल ही नहीं पसंद थी। उसे साबूदाने की खीर नाक के पानी की तरह लगती थी। उसे वह नहीं खाना था, तब उसने दूसरी ओर देखा की वहां पर कुछ लिट्टी बनाकर रखे हुए हैं , पर इसे किसके साथ खाया जाए ऐसा प्रश्न उसके मन में आया । तब उसकी नजर लाल मिर्चियों पर पड़ी , उसकी भूख बढ़ रही थी इसलिए उसने उस लाल मिर्चियों से लाल चटनी बनाई जो की बोहोत ही ज्यादा तीखी थी बिलकुल वैसे जैसे उसे पसंद थी। फिर उसने लिट्टी और लाल चटनी खा ली ,और बर्तनों को बिखरा दिया और साबूदाने की खीर को छुपा कर रख दिया और जाकर चुप चाप सो गया । जब सब वापस आये तब देखा की लिट्टी नहीं था और बर्तन बिखरे हुए थे पर राम सोया था। फिर जब माँ ने उसे पूछा इनसब के बारे में तो उसने कहा कि," घरमें एक कुत्ता घुस गया और लिट्टी लेकर चला गया मैंने कुछ नहीं किया क्योंकि में आराम कर रहा था।"

पर माँ ने वह बर्तन देख लिया जिस पर लाल चटनी बनी थी और समझ गयी की कौन सा कुत्ता घर में आया था और लिट्टी कहाँ गयी।इन सब के बाद राम की तबियत ठीक हो गयी लेकिन उसकी शरारतें बिलकुल कम नहींं हुई। 

   


Rate this content
Log in

More hindi story from Sapna Vishwakarma