इन आँखों को तू आज दिख गई --
इन आँखों को तू आज दिख गई --
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इन आँखों को तू आज दिख गई --
महीनों की तलाश पूरी हो गई ,
बहुत बेक़रार था तुमसे मिलने को --
अब जाकर थोड़ी सी संतुष्टि मिली,
शुरुआत कहाँ से करूँ बात की --
ख़ुशी जो आज ढेर सारी मिली ,
वही अदायें वही शर्म आँखों की --
आखिर बदला मैं भी नही तू भी नहीं ,
-------------- रमन शर्मा ।