दिल की पंचायत
दिल की पंचायत
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आज दिल की पंचायत बुलाई ।
लगाऐ आरोप उसने मुझ पर कई ।।
ख़ुश थी बहुत ये जानकर ।
मेरी तरफ़ लेने वाला कोई भी नहीं ।।
अरे मुझे साथ की क्या ज़रुरत ।
क्या ज़माना मेरी मोहब्बत का गवाह नहीं ।।
बेकसूर हुआ मैं साबित ।
फिर भी तुम्हें कोई एहसास नहीं ।।
------- रमन शर्मा हिमाचली