कब होगा मेरे धोखों का अंत?
कब होगा मेरे धोखों का अंत?
यहां भी धोखा; वहां भी धोखा!
अपनों ने सुनो दिया है चोखा!!
दाएं; बाएं; ऊपर;नीचे चहुंदिशि
धोखा मिला बस दिग् दिगंत!!
कब होगा मेरे धोखों का अंत?
नेता से धोखा; समाज से धोखा!
शिक्षा ने बंद कर दिया झरोखा!!
अपने; पराए; शत्रु या मित्र सुनो
साधु; संन्यासी; योगी संग संत!!
कब होगा मेरे धोखों का अंत?
सेवा में धोखा; प्रेम में धोखा!
चाकू अपनों ने ही पेट में भोका!!
योग; अध्यात्म; धर्म व साधना
धोखा मिला उनसे जो थे श्रीमंत!!
कब होगा मेरे धोखों का अंत?
सेहत में धोखा; मैत्री में भी धोखा!
महल में धोखा; धोखा खुद खोखा!!
जन्म और मरण दोनों हुए बेगाने
मिलने से पहले जीवन हुआ हंत!!
कब होगा मेरे धोखों का अंत?
समीप भी धोखा; दूर भी धोखा!
जीवन हमारा है सबसे अनोखा!!
सोना व जागना कभी हुए न हमारे
श्वेत केश हुए; गिरने लगे दंत!!
कब होगा मेरे धोखों का अंत?
खाना; पीना; हगना; मूतना धोखा!
सबने यहां हममें बस देखा मोखा!!
जीते जी सब यहां नरक बन गया है
हम पर आरोप सबके हैं मनगढंत!!
कब होगा मेरे धोखों का अंत?
धोखे खाकर भी कभी दिया न धोखा!
सबने ही मुझे आगे बढ़ने से रोका!!
परमपिता सद्बुद्धि देना सबको
कृपादृष्टि प्रभु आपकी अनादि अनंत!!
कब होगा मेरे धोखों का अंत?