जय सियाराम पूछती तुमसे सवाल
जय सियाराम पूछती तुमसे सवाल
जय सिया राम,
जय सिया राम
करती तुम्हें शत-शत प्रणाम।
आज तुमसे पूछती हूं मैं कुछ सवाल
करती तुम्हें शत-शत नमन प्रणाम।
मगर हे राम मन में कुछ हैं सवाल उठे
जो अब तक है अनुत्तरित रहे।
क्या तुम मुझको दोगे इसका जवाब।
कहलाते तुम मर्यादा पुरुषोत्तम
इस रुप में तुम को शत-शत प्रणाम।
जिस सीता को ब्याह के लाए।
जिस सीता को रावण से बचाये
जिसके लिए महासंग्राम मचाये।
फिर क्यों, फिर क्यों, फिर क्यों,
उसी देवी सीता को अग्नि परीक्षा
देने विवश करने के बाद भी
मात्र एक धोबी के कहने पर
वापस वन का रास्ता दिखाया।
क्या आप कान के इतने कच्चे थे।
या राज धर्म में लोगों से डरते थे।
जो अपनी पत्नी को है बाहर निकाला।
गर्भवती थी माता सीता
क्या-क्या है उन पर है बीता।
मुझे तो यह आज के समय स्त्री अत्याचार लगता है।
भले किसी को भी यह धर्म लगे ।
यह प्रश्न मेरा अनुत्तरित है।
क्या कोई देगा इसका उत्तर।
क्या मर्यादा पुरुषोत्तम राम देंगे इसका उत्तर ।
या किसी की तरफ से आएगा इसका उत्तर।
या मेरी तरह किसी और को भी यह गलत लगता है
कमेंट करके जरूर है बताएं।
और मेरी जिज्ञासा को शांत कराएं।
हे मर्यादा पुरुषोत्तम राम
सिया राम
मैं करती हूं तुम को प्रणाम
शत शत प्रणाम ।
शत-शत प्रणाम ।
शत-शत प्रणाम।
