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Govardhan Bisen 'Gokul'

Children Stories Children

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Govardhan Bisen 'Gokul'

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चॉकलेट (पोवारी)

चॉकलेट (पोवारी)

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         मोरो लहानपण की बात आय. तब मी दुसरी या तिसरी मा शिकत होतो. एक दिवस प्रार्थना भयवपर टुरा टुरी लाईनलक आप आपलो वर्ग मा आया.  अना बसन की पट्टी झाळशान ओकोपर लाईनलक बस्या.   आमरा वर्गशिक्षक पटले गुरुजी वर्ग मा आया, तसोच सपाई टुरा टुरी उभा होयशान गुरुजी ला नमस्ते करशान खाल्या बस्या. ओन दिवस गुरुजी को टुरा को जन्मदिवस होतो म्हणुन गुरुजीनं सब टुरुपोटु साठी चाकलेट आनी होतीन. गुरुजी टुरुपोटु इनला चॉकलेट बाटनेवाला होता ओतोमाच शाळाको चपराशी वर्ग मा आयव अना कव्हन बसेव,''गुरुजी तुमला हेडमास्तरनं आबको आबच आपलो ऑफीस मा बुलाईसेन.'' 


         गुरुजीनं चॉकलेट को डबा हातमा लक टेबलपर ठेइन अना टुराइनला कहिन,'' टुराहो, मोला काही कामसाठी हेडमास्तर कर जानको से. खरो मा हे चॉकलेट मोला मोरो हात लकाच तुमला देन की खूब इच्छा होती. परं मोला मोठो गुरुजी कर जान को से. लगेतं तुमी तुमरो हात लका चॉकलेट लेय सकसेव. नही तं मी वापस आयवपर तुमला देऊन'' असो कयशान गुरुजी हेडमास्तर कर चली गया.


         या चांगली संधी से. असो काही टुराइनन बिचार करीन अना उनन चॉकलेट खुदको हात लका लेयशान खाईन तं काही टुराइनन गुरुजी की बाट देखीन. गुरुजी वापस आया अना  टुराइनला खबर लेइन,'' टुराहो, जेन जेन आपलो हात लका चॉकलेट खाईन वय आपला हात व-या करो'' जिनन चॉकलेट खाई होतीन उनन हात वर करीन. मंग गुरुजींन बचेव टुराइनला प्रेमलका चॉकलेट बाटीन. मीन बी बादमाच चाकलेट खायव. 


         काही सालको बादमा ओन गुरुजीन उन सपाई विद्यार्थींकी माहिती काहळीन तब उनला असो दिसेव का जेन टुराइनन खुदको हात लका चॉकलेट लेयी होतीन वय टुरा सामान्य स्वरूप का काम करशान आपलो उदरनिर्वाह करत होता तं जिनला गुरुजींन चॉकलेट देयी होतीस वय सब विद्यार्थी उच्च पदपर काम करत होता. या सब संस्कारकी देण होती.


बोध :-  संस्कारलक माणूस घडसे. भेटी संधी अना ओको योग्य वापर करणो यव मानवको हातमा से. चुकको मार्ग लक गयव तं अना संयम नही पाळेवलक योग्य संधी भेटशान बी  ओको वापर करता आव नही.


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