मैं तुम्हें चाहती हूँ और हमेशा चाहती रहूंगी बिना कोई आस बिना कोई मकसद के ! मेरी चाहत तुम्हें पाना नह... मैं तुम्हें चाहती हूँ और हमेशा चाहती रहूंगी बिना कोई आस बिना कोई मकसद के ! मेरी ...
सा सिर्फ इसलिए हो पाया, क्योंकि साधना की अभिनय रेंज ज़बरदस्त ढंग से विस्तृत थी। सा सिर्फ इसलिए हो पाया, क्योंकि साधना की अभिनय रेंज ज़बरदस्त ढंग से विस्तृत थी।
मज़ा आना ही आना था आया, और जमकर आया। मज़ा आना ही आना था आया, और जमकर आया।