दूसरे दिन हरीश जब स्कूल पहुँचा उसका मन उदास था । रह - रह कर यही ख्याल आता.., पता नहीं औ दूसरे दिन हरीश जब स्कूल पहुँचा उसका मन उदास था । रह - रह कर यही ख्याल आता.., पता...
चांदनी चौक के आसपास के लोग," नेहरू की जान बचाने वाला बच्चा" के नाम से जानते हैं। चांदनी चौक के आसपास के लोग," नेहरू की जान बचाने वाला बच्चा" के नाम से जानते हैं।
वह अपनी बेटी से बोहोत प्रेम करता था। उसकी बेटी ही उसके लिए सब कुछ थी। वह अपनी बेटी से बोहोत प्रेम करता था। उसकी बेटी ही उसके लिए सब कुछ थी।
यह आपकी ना उम्मीद की तरफ से छोटी सी मदद है, स्वीकार कीजिये, दोनों हसंते हुए चाय की चुस् यह आपकी ना उम्मीद की तरफ से छोटी सी मदद है, स्वीकार कीजिये, दोनों हसंते हुए चाय ...