जूही को अब अपने सपने पूरे होते हुए दिखाई दे रहे थे। अब वो खुश थी। जूही को अब अपने सपने पूरे होते हुए दिखाई दे रहे थे। अब वो खुश थी।
अपने कर्तव्य निभा लेना। उतने ना सही जितने मैंने निभाए, उससे आधा ही सही अपने कर्तव्य निभा लेना। उतने ना सही जितने मैंने निभाए, उससे आधा ही सही
अपने जन्मदिन पर चप्पल उपहार में लिखवा कर आया है अपने जन्मदिन पर चप्पल उपहार में लिखवा कर आया है
एक दामाद होने के नाते तुम अपने ससुराल को अपना समझ लेना। एक दामाद होने के नाते तुम अपने ससुराल को अपना समझ लेना।
" बेटा, तेरी मजबूरी हम दोनों की मजबूरी से बड़ी नहीं हो सकती। " बेटा, तेरी मजबूरी हम दोनों की मजबूरी से बड़ी नहीं हो सकती।