पूरी रात बैठे बैठे मैं यह सोचने लगा कि क्या ये कोई आकर्षण था या सहानुभूति। पूरी रात बैठे बैठे मैं यह सोचने लगा कि क्या ये कोई आकर्षण था या सहानुभूति।