"हम सब रंगमंच की कठपुतलियाँ हैँ जिसकी डोर ऊपरवाले के हाथ में है " "हम सब रंगमंच की कठपुतलियाँ हैँ जिसकी डोर ऊपरवाले के हाथ में है "