चित्रा ने बड़ी फुर्ती से टूटे काँच के टुकड़े समेटे, बिखरी चाय साफ की और जाते-जाते कह गई ''साढ़े नौ बजे ... चित्रा ने बड़ी फुर्ती से टूटे काँच के टुकड़े समेटे, बिखरी चाय साफ की और जाते-जाते ...
इस लोकतांत्रिक देश में बंदी प्रत्यक्षीकरण का अधिकार है इस लोकतांत्रिक देश में बंदी प्रत्यक्षीकरण का अधिकार है
लाल काकी.... की कहू हम... पंद्रह दिन सँ कनियो रुचि नइ लागइ रहल अइछ। मन कैहने दइन करइत रहइत अइछ। दुबर... लाल काकी.... की कहू हम... पंद्रह दिन सँ कनियो रुचि नइ लागइ रहल अइछ। मन कैहने दइन...