ज़िंदगी के पैतीस साल पहले इसी स्टेज पर आ धुआंधार बोला करती थी। ज़िंदगी के पैतीस साल पहले इसी स्टेज पर आ धुआंधार बोला करती थी।
वो दिनभर बैठ कर अपनी किताब में देखते हुए बगल में बैठी लड़की के क्रियाकलापों को तिरछी नज़र से देख सकत... वो दिनभर बैठ कर अपनी किताब में देखते हुए बगल में बैठी लड़की के क्रियाकलापों को त...