कलम हालांकि आजकल नहीं थी और जब उसने लिखने का शौक पैदा हुआ तो दिल से लिखने लगा कलम हालांकि आजकल नहीं थी और जब उसने लिखने का शौक पैदा हुआ तो दिल से लिखने लगा
आज भी इस कब्रिस्तान में आसानी से रूहों और आत्माओं को महसूस किया जा सकता है। आज भी इस कब्रिस्तान में आसानी से रूहों और आत्माओं को महसूस किया जा सकता है।