सम्भवतः कोई हमारी सेना और प्रजा को भयभीत कर उनका मनोबल तोड़ना चाहता हो। सम्भवतः कोई हमारी सेना और प्रजा को भयभीत कर उनका मनोबल तोड़ना चाहता हो।