जो भी मोटा झोटा खात रहे निखालिस शुद्ध रहा। जो भी मोटा झोटा खात रहे निखालिस शुद्ध रहा।
गुस्से को योग्य दिशा में मोड़ा जाए तो पछताने की जरूरत नहीं पड़े कभी। गुस्से को योग्य दिशा में मोड़ा जाए तो पछताने की जरूरत नहीं पड़े कभी।